22 September, 2013

HINDI POETRY

चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं

ये वही पुरानी राहें हैं, ये दिन भी वही पुराने हैं


कुछ तुम भूली कुछ मै भूला मंज़िल फिर से आसान हुई

हम मिले अचानक जैसे फिर पहली पहली पहचान हुई

आँखों ने पुनः पढी आँखें, शिकवे हैं ताने हैं

चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं


तुमने शाने पर सिर रखकर, जब देखा फिर से एक बार

जुड गया पुरानी वीणा का, जो टूट गया था एक तार

फिर वही साज़ धडकन वाला फिर वही मिलन के गाने हैं

चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं


आओ हम दोनो की सांसों का एक वही आधार रहे

सपने, उम्मीदें, प्यास मिटे, बस प्यार रहे बस प्यार रहे

बस प्यार अमर है दुनिया मे सब रिश्ते आने-जाने हैं


चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं

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