03 October, 2013

ANUGRH MISHRA


रख हौंसला वो मंज़र भी आयेगा;
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा;
थक कर ना बैठ अए मंजिल के मुसाफ़िर;
मंजिल भी मिलेगी और जीने
का मजा भी आयेगा।

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