03 October, 2013

ANUGRH MISHRA


रख हौंसला वो मंज़र भी आयेगा;
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा;
थक कर ना बैठ अए मंजिल के मुसाफ़िर;
मंजिल भी मिलेगी और जीने
का मजा भी आयेगा।

01 October, 2013

ANUGRAH MISHRA

ANUGRAH MISHRA
 




"सब अपने दिल के राजा हैं सबकी कोई रानी है

कभी प्रकाशित हो न हो पर सबकी एक कहानी है

बहुत सरल है पता लगाना किसने कितना दर्द सहा

जिसकी जितनी आँख हँसे है उतनी पीर पुरानी 

है...!!!"