30 November, 2015

Anugrah Mishra

""गुम न हो जाय साझी विरासत कहीं,
अपने बच्चों को किस्से सुनाया करो |
भीग जाने का अपना अलग लुत्फ़ है,
बारिशों में निकलकर नहाया करो |
तुम जो रूठो तो कोई मनाये तुम्हें,
कोई रूठे तो तुम भी मनाया करो |""

#AnugrahMishra